Dhanteras 2024 | धनतेरस 2024 में कब है ?
धनतेरस का शुभ पर्व 29 October 2024 को मनाई जाएगी। त्रयोदशी तिथि प्रारंभ – 29 October 2024 को 10:31 am से त्रयोदशी तिथि समाप्त- 29 October 2024 को 1.15 pm तक।
धनतेरस, जिसे धन त्रयोदशी भी कहा जाता है, दीपावली उत्सव का पहला और महत्वपूर्ण दिन होता है। यह पर्व मुख्य रूप से धन, समृद्धि और स्वास्थ्य के लिए मनाया जाता है। इस दिन लोग भगवान धन्वंतरि और माता लक्ष्मी की पूजा करते हैं। हिन्दू मान्यता के अनुसार, धनतेरस के दिन की गई खरीदारी विशेष रूप से शुभ मानी जाती है, जिससे जीवन में आर्थिक स्थिरता और खुशहाली आती है। यह पर्व हर वर्ष कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को मनाया जाता है।
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धनतेरस के दिन क्या- क्या खरीद सकते है ? | Dhanteras 2024
वैसे तो धनतेरस से भाई दूज तक जरूरत पड़ने वाली सभी सामग्रियों की खरीदारी हमे धनतेरस के दिन ही कर लेनी चाहिए पर अगर आप चाहें तो इनमे से किसी भी वस्तु को आप धनतेरस के दिन खरीद सकते है।
1. झाड़ू- झाड़ू में माता लक्ष्मी का वास माना गया है, इसलिए धनतेरस के दिन झाड़ू ला कर उसका उपयोग करना चाहिए।
2. साबुत धनिया या हल्दी – यह लाने से यश और वैभव में वृद्धि होती है।
3. लक्ष्मी और कुबेर यंत्र – लक्ष्मी और कुबेर यंत्र को दिवाली के दिन पूजा करके अपने घर, दुकान या तिजोरी में रखने से वृद्धि होती है।
4. 7 मुखी रुद्राक्ष – धनतेरस के दिन 7 मुखी रुद्राक्ष ला कर उसकी पूजा कर पूरे साल इसे धारण कर सकते हैं।
5. बर्तन- पीतल के बर्तन को खरीदना बहुत शुभ माना गया है यदि आप पीतल के बर्तन नहीं खरीद सकते तो कोई भी बर्तन खरीद लीजिए बस आप लोहे के बर्तन नहीं खरीदेंगे।
6. माता लक्ष्मी और भगवान गणेश की मूर्ति धनतेरस के दिन ला कर दिवाली के दिन पूजन कर घर व दुकान मे इनकी स्थापना करे।
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धनतेरस का पौराणिक महत्व | Dhanteras Story
धनतेरस के साथ कई पौराणिक कथाएं जुड़ी हैं। सबसे प्रमुख कथा समुद्र मंथन की है, जिसमें भगवान धन्वंतरि अमृत का कलश लेकर प्रकट हुए थे। धन्वंतरि आयुर्वेद और चिकित्सा विज्ञान के देवता माने जाते हैं, और उनके प्रकट होने से इस दिन का स्वास्थ्य के लिए महत्व बढ़ जाता है। इस दिन माता लक्ष्मी की पूजा भी की जाती है, जो धन और समृद्धि की देवी मानी जाती हैं। यह दिन न केवल आर्थिक रूप से समृद्ध होने की कामना के लिए है, बल्कि स्वस्थ और सुखी जीवन की प्रार्थना के लिए भी है।
स्वास्थ्य और समृद्धि का महत्व
धनतेरस केवल आर्थिक समृद्धि का पर्व नहीं है, बल्कि स्वास्थ्य का भी प्रतीक है। भगवान धन्वंतरि को चिकित्सा विज्ञान और स्वास्थ्य का देवता माना जाता है, और इस दिन उनके प्रति श्रद्धा व्यक्त की जाती है। माना जाता है कि धनतेरस पर भगवान धन्वंतरि की पूजा करने से जीवन में स्वास्थ्य और आयु की वृद्धि होती है। लोग इस दिन आरोग्य और दीर्घायु की कामना करते हैं, ताकि जीवन में सुख और शांति बनी रहे।
आधुनिक संदर्भ में धनतेरस | Dhanteras in modern context
आधुनिक समय में धनतेरस की परंपराएं बदली जरूर हैं, लेकिन इसका मूल उद्देश्य अब भी वही है – समृद्धि, स्वास्थ्य और शुभता। आज लोग अपने सामर्थ्य के अनुसार विभिन्न वस्तुएं खरीदते हैं, चाहे वह गहने हों, बर्तन हों या इलेक्ट्रॉनिक उपकरण। इसके अलावा, अब लोग पर्यावरण अनुकूल उपाय भी अपनाने लगे हैं, जैसे मिट्टी के दीपक जलाना और प्लास्टिक मुक्त सजावट करना। साथ ही, कई लोग इस दिन अपने भविष्य की वित्तीय योजना बनाने का भी विचार करते हैं, जिससे वे जीवन में स्थिरता और समृद्धि ला सकें।
धनतेरस केवल एक त्यौहार नहीं है, बल्कि यह हमारे जीवन में समृद्धि, स्वास्थ्य, और नई शुरुआत का प्रतीक है। यह दिन हमें सिखाता है कि सही अर्थों में धन वही है जो हमें आंतरिक शांति, स्वास्थ्य, और खुशी प्रदान करता है। इस दिन की गई पूजा और शुभ कार्यों से जीवन में सकारात्मक बदलाव आते हैं। धनतेरस हमें अपने घर, मन और आत्मा को शुद्ध करने का अवसर प्रदान करता है, ताकि हम दीपावली की रोशनी का स्वागत पूरी शुभता और समृद्धि के साथ कर सकें।
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